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अलाऊद्दीन खिलजी की बाजार नियंत्रण नीति in Hindi

  अलालुदीन खिलजी की बाजार नियंत्रण नीति in hindi परिचय  • अलालुद्दीन खिलजी, खिलजी वंश का शासक था , जो की अपनी शक्ति से सम्पूर्ण भारत पर अपना अधिकार करना चाहता था इसलिए अलाउद्दीन खिलजी ने दिल्ली सल्तनत का शासक होते हुए स्वयं को अपारशक्तिशाली बनाने के लिए कई योजनाएं बनाई थी जिसमे से  उसकी " बाजार नियंत्रण नीति व योजना " इतिहास में अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि ये योजना का वर्तमान अर्थ व्यवस्था में भी उपयोग होता है ।  [ बाजार नियंत्रण नीति अपनाने का कारण ] 1. आर्थिक स्थिति को लंबे समय के लिए मजबूत बनाने  रखने की सोच :  अलाउद्दीन खिलजी ने दिल्ली सल्तनत का शासक होते हुए बाहरी अभियान किए थे जिसमे उसको अपार धन खर्च करना पड़ा था ।  2. स्थायी सैन्य व्यवस्था की स्थापना : अलाउद्दीन को स्मरण था की विश्व विजय प्राप्त करने के उद्देश्य की पूर्ति के लिए उसके पास विशाल सेना होने के साथ ही साथ दिल्ली सल्तनत में एक बड़ी , बलवान , सशस्त्र स्थायी सेना का होना अत्यधिक महत्वपूर्ण है अर्थात अलाउद्दीन के लिए महत्वपूर्ण था कि वो दिल्ली में स्थायी सेना को सुसज्जित करक...

गुलाम वंश के वास्तुनिष्ठ प्रश्न in hindi

गुलाम वंश के वास्तुनिष्ठ प्रश्न in hindi  1206 - 1290 ई० कुतुबुद्दीन ऐबक इल्तुतमिश, रजिया सुल्तान , बलबन से संबंधित वस्तुनिष्ठ प्रश्न  प्रश्न 1- 1206 से 1526 का काल भारत के इतिहास में किस नाम से प्रख्यात है ?  (अ) मुगल सल्तनत  (ब) लाहौर सल्तनत  (स) दिल्ली सल्तनत (द ) तुर्की सल्तनत उत्तर (स)   दिल्ली   सल्तनत एवं सल्तनत युग।  प्रश्न 2- गुलाम वंश के संस्थापक का क्या नाम था ?  (अ) मोहम्मद गौरी  (ब) जिल्ले इलाही अख़बर (स) कुतुबुद्दीन ऐबक  (द) नसीरुद्दीन बलबन  उत्तर (स)  कुतुबुद्दीन ऐबक। प्रश्न 3-  कुतुबुद्दीन ऐबक का शासनकाल ?  (अ) 1206 से 1210 ई० (ब) 1200 से 1210 ई० (स) 1205 से 1210 ई० (द) 1192 से 1210 ई० उत्तर (अ)  1206 से 1210  ई०  तक ।  प्रश्न 4 - कुतुबुद्दीन किस जाति से संबंधित था?  (अ) अफगानी  (ब) यहूदी  (स) मंगोली (द) तुर्की उत्तर (ग)  ऐबक नामक तुर्क जाति ।  प्रश्न 5- किसने ऐबक को मलिक की उपाधि दी थी ?  (अ) मोहम्मद गजनवी (ब) मोहम्मद अली जिन्ना (स) मोहम्मद गौ...

स्ट्रैची कमीशन in hindi

 स्ट्रैची कमीशन in hindi    [स्ट्रैची कमीशन : 1880]  ∆ लिटन के भारत के गवर्नर जनरल नियुक्त होने के बाद ही दुर्भाग्य से भारत में एक बहुत ही गंभीर अकाल की स्थिति उत्पन्न हुई।  • इस अकाल ने भारत की स्थिति अत्यंत ही खराब कर दी थी । करीब 45 से   50 लाख से अधिक लोग इस अकाल की स्थिति में सिर्फ भूख से पीड़ित रहे और अंततः उन्हें अपनी जान गवानी पड़ी ।  • लिटन ने इस अकाल की स्थिति में सर रिचर्ड स्ट्रैची की अध्यक्षता में एक कमीशन की शुरुआत 1880 में की। जो भारत के इतिहास में स्ट्रैची कमीशन के नाम से विख्यात हुआ ।  ∆ स्ट्रैची कमीशन में सरकार से कई सिफारिशे की गई । जिनमें कुछ मुख्य सिफारिशे इस प्रकार है -    1 .  सहायता अत्यंत सुलभ हो ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को कार्य हेतु नियुक्त किया जा सके अतः सहायता किसी भी प्रकार से अस्थाई ना रहे। 2.   जो व्यक्ति किसी भी प्रकार से अपने शरीर से अस्वस्थ , विकलांग अथवा शारीरिक कार्य करने में असमर्थ हो उन्हें भी सहायता का लाभ उन व्यक्तियों के समान ही मिल सके जिस प्रकार शरीर से स्वस्थ लोगों को क...

लॉर्ड लिटन | Lord Lytton

लॉर्ड लिटन|Lord Lytton   [ लॉर्ड लिटन के प्रशासनिक कार्य ] शासनकाल - 1876 से 1880 तक। मुख्य नीतियां - दुर्भिक्ष नीति , वित्तीय विकेंद्रीकरण की नीति ।  एक्ट - वर्णाकुलर प्रेस एक्ट (मुंह बंद कर देने वाला एक्ट)  ∆ 8 नवंबर 1831 को लंदन में जन्मे लॉर्ड लिटन सन 1876 में भारत के गवर्नर जनरल बने , तथा 1880 तक इस पद पर कार्यरत रहे।  • इन्ही के शासनकाल के तहत पहला दुर्भिक्ष आयोग भी विकसित हुआ ।  • भारत के इतिहास में उनके द्वारा पारित किया गया सन् 1878 का  वर्नाक्यूलर एक्ट अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । इसका कारण यह था की यह एक्ट भारत में छापे जाने वाले अखबार तथा उनमें छपने वाली खबरों से संबंधित था जो निश्चित ही विद्रोह तथा बगावती मानसिकता को उजागर कर रही थी ।  ✓ [ क्या था   वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट ? ] वर्नाक्यूलर • यह एक्ट मार्च 1878 में दुनिया के सामने आया ।  • यह एक्ट देशी अखबारों के लिए पारित किया गया था । तथा अंग्रेजी अखबारों पर लागू नहीं होता था ।  •  वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट का कार्यभार मजिस्ट्रेट पर होता था । सं...

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